अवैध पेड़ कटान मामले में DFO, SDO सहित 8 अधिकारी और निलंबित, अब तक 17 पर गिर चुकी है गाज
पुरोला में हरे पेड़ों के अवैध कटान के मामले में वन विकास निगम के तत्कालीन डीएलएम रामकुमार सहित आठ अधिकारी व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। क्षेत्रीय प्रबंधक टिहरी की जांच के बाद एमडी केएम राव ने गुरुवार को निलंबन आदेश जारी किए। दरअसल, वन विभाग की जांच में सामने आया था कि पुरोला में अवैध कटान के लिए वन निगम के अफसर- कर्मचारी जिम्मेदार हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, जहां भी अवैध कटान हुआ, बताया गया था। वहाँ 15 किलोमीटर तक कोई आम आदमी नहीं जाता और फरवरी अंत तक बर्फ रहती है।इस मामले में डीएफओ पुरोला, एसडीओ और रेंजर पहले ही सस्पेंड किए चुके हैं।
प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक ने कनासर रेंज में हुए अवैध कटान व भारी मात्रा में लकड़ी की बरामदगी के बाद वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र सिंह गुसाईं को निलंबित कर दिया है। उन्हें वन विभाग के बागेश्वर कार्यालय से अटैच किया गया है। इसके अलावा वन दरोगा प्रमोद कुमार, आशीष चंद्र, वन रक्षक मदन सिंह, शिवम गौतम और वन आरक्षी भगत सिंह राणा को भी निलंबित किया गया है।
सभी को यमुना सर्किल के चकराता वन प्रभाग से हटाते हुए दूसरी सर्किल में अटैच किया गया है। कार्रवाई की पुष्टि करते हुए चकराता वन प्रभाग की डीएफओ कल्याणी नेगी ने बताया कि अधिकारी कर्मचारियों पर कार्रवाई का आदेश उन्हें मिल गए हैं।
इसके लिए तत्कालीन डीएलएम पुरोला रामकुमार, लॉट प्रभारी रावत, सत्येश्वर लोहनी, अजीत कुमार, वन उपज रक्षक मोहन सिंह मुरकंडी प्रसाद, विजयपाल व अनुभाग अधिकारी पदम दास को जिम्मेदार मानते हुवे कार्यवाही की गई है। वन मुख्यालय के के पत्र के बाद इन सभी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही ठेकेदार के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।
उत्तरकाशी जिले के पुरोला टौंस वन प्रभाग में काटे गए हरे पेड़ों के मामले में दो डिप्टी रेंजर सहित तीन वन दरोगा को भी निलंबित किया गया है। इस संबंध में गढ़वाल परिक्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक नरेश कुमार की ओर से निलंबन के आदेश जारी किए गए हैं। इस मामले में वन विकास निगम के आठ कर्मियों सहित अब तक कुल 17 अधिकारी-कर्मचारियों पर निलंबन की गाज गिर चुकी है।