उत्तराखण्ड

चुनाव आयोग ने दो लोकसभा सीटों और 48 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तिथियां घोषित की

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नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों के साथ ही 14 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों और दो राज्यों की दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। इनमें केरल की वायनाड लोकसभा सीट और यूपी की करहल विधानसभा सीट काफी चर्चित हैं।
मंगलवार को दो राज्यों के विधानसभा चुनाव का एलान हो गया। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दिया है। इसके साथ ही देश भर में 14 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों और दो राज्यों की दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव भी होंगे। उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का एलान नहीं किया गया है। इसी तरह केरल की देवीकुलम विधानसभा सीट भी रिक्त है, लेकिन यहां के विधायक रहे ए राजा की अयोग्यता का मामला कोर्ट में होने के कारण इस पर चुनाव का एलान नहीं किया है। इसी तरह पश्चिम बंगाल की बशीरहाट सीट भी यहां के सांसद के निधन की वजह से रिक्त हुई है। यहां भी चुनावों का एलान अभी नहीं हुआ है।
आइये जानते हैं कि देश भर में किन-किन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होना है? राज्यों में विधानसभा के उपचुनाव कहां-कहां होंगे? किस सीट पर चुनाव की क्या वजह है?
वायनाड, केरलरू देश भर में जिन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें सबसे चर्चित वायनाड सीट है। वायनाड सीट राहुल गांधी के इस्तीफे से रिक्त हुई है जो 2024 के लोकसभा चुनाव में वायनाड के साथ-साथ रायबरेली सीट से भी जीते थे। हालांकि, राहुल ने रायबरेली सीट को अपने पास रखा और वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया। नांदेड़, महाराष्ट्ररू देश में जिन लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें दूसरी सीट नांदेड़ है। महाराष्ट्र की यह सीट कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण के निधन से रिक्त हुई है।
बशीरहाट, पश्चिम बंगालरू बशीरहाट लोकसभा सीट तृणमूल सांसद हाजी नुरुल इस्लाम के निधन के चलते रिक्त हुई है। इस सीट पर उपचुनाव का एलान चुनाव आयोग ने नहीं किया है। यहां उपचुनाव की घोषणा बाद में होगी।
उत्तर प्रदेशरू राज्य की जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें अलीगढ़ जिले की खैर, अयोध्या की मिल्कीपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, कानपुर नगर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, गाजियाबाद की गाजियाबाद, मिर्जापुर की मझवां, मुरादाबाद की कुंदरकी और मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट शामिल है। इनमें से मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की घोषणा अभी नहीं की गई है।
राज्य की जिन सीटों पर उपचुनाव होना है 2022 के विधानसभा में इनमें से समाजवादी पार्टी ने सबसे अधिक पांच सीटें जीती थीं। वहीं, भाजपा ने इनमें से तीन सीटें जीतीं थीं। राष्ट्रीय लोक दल और निषाद पार्टी के एक-एक उम्मीदवार इन सीटों पर विजयी हुए थे। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में कई विधायक सांसद निर्वाचित हुए थे। इनमें से पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत नौ विधायक शामिल हैं। सांसद बनने के बाद इन विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, कानपुर नगर की सीसामऊ सीट 2022 में यहां से जीते सपा के इरफान सोलंकी को अयोग्य करार दिए जाने से रिक्त हो गई है।
करहल, मैनपुरीरू उत्तर प्रदेश में जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें सबसे चर्चित करहल सीट है। यादव बहुल करहल सीट अखिलेश यादव के सांसद बनने से रिक्त हुई है। यहां के विधायक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव थे जो 2024 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज से जीतकर सांसद बन गए हैं। सपा की तरफ से अखिलेश यादव ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में करहल सीट पर जीत दर्ज की थी। उस चुनाव में अखिलेश ने भाजपा के एसपी सिंह बघेल को शिकस्त दी थी।
मिल्कीपुर, अयोध्यारू मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव का एलान नहीं किया गया है। हाल के लोकसभा चुनाव के बाद जिन सीटों पर हार-जीत की सबसे ज्यादा चर्चा हुई उसमें फैजाबाद (अयोध्या) शामिल है। यूपी में भाजपा की सीटें कम होने के साथ अयोध्या जिले की फैजाबाद लोकसभा सीट पर भी हार का सामना करना पड़ा था। सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद यहां से करीब 54 हजार मतों से जीत गए थे। लोकसभा का चुनाव जीतने वाले अवधेश प्रसाद 2022 में फैजाबाद जिले की मिल्कीपुर (सुरक्षित) सीट से जीते थे। उन्होंने भाजपा के गोरखनाथ को हराया था।
कटेहरी, अंबेडकर नगररू यहां से सपा के विधायक रहे लालजी वर्मा भी अब लोकसभा के सांसद बन गए हैं। उनके इस्तीफे से कटेहरी सीट पर उपचुनाव होना है। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के लालजी वर्मा में एडीए गठबंधन में शामिल निषाद पार्टी के टिकट पर उतरे अवधेश कुमार द्विवेदी को शिकस्त दी थी।
कुंदरकी, मुरादाबादरू कुंदरकी विधानसभा सीट से विधायक जिया उर रहमान संभल से सपा के सांसद बन गए हैं। जिया उर के विधायक पद से इस्तीफे के बाद कुंदरकी में उपचुनाव होना है। 2022 विधानसभा चुनाव में सपा के जिया उर रहमान ने भाजपा उम्मीदवार कमल कुमार को हराया था।
सीसामऊ, कानपुर नगररू जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें सीसामऊ अकेली सीट है जहां मौजूदा विधायक की अयोग्यता के चलते उपचुनाव होगा। तत्कालीन सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा सुनाए जाने के बाद यह सीट रिक्त हुई है। 2022 के चुनाव में सपा की तरफ से उतरे इरफान ने भाजपा के सलिल विश्नोई को हराया था।
गाजियाबादरू भाजपा विधायक अतुल गर्ग इस लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद लोकसभा सीट से सांसद बन गए हैं। 2022 में गर्ग गाजियाबाद विधानसभा सीट से जीते थे। उनके सांसद बनने के बाद इस सीट पर उपचुनाव होना है। गत विधानसभा चुनाव में भाजपा के अतुल गर्ग ने सपा उम्मीदवार विशाल वर्मा को हराया था।
फूलपुर, प्रयागराजरू फूलपुर विधानसभा सीट से विधायक प्रवीण पटेल फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुन लिए गए हैं। प्रवीण के विधायक पद से इस्तीफे के चलते उपचुनाव होगा। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रवीण पटेल ने सपा उम्मीदवार मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी को हराया था।
मीरापुर, मुजफ्फर नगररू राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान मीरापुर सीट से विधायक थे। चंदन ने इस लोकसभा चुनाव में बिजनौर सीट से अपनी किस्मत आजमाई और सफल भी 0हुए। चंदन चौहान के विधायक पद से इस्तीफे की वजह से मीरापुर में उपचुनाव होना है। गत विधानसभा चुनाव में रालोद के चंदन चौहान ने भाजपा उम्मीदवार प्रशांत चौधरी को हराया था। उस चुनाव में रालोद सपा के साथ गठबंधन में लड़ी थी।
मझवां, मिर्जापुर यहां से निषाद पार्टी के विधायक रहे डॉ. विनोद कुमार बिंद भी अब लोकसभा के सांसद बन गए हैं। उनके इस्तीफे से मझवां सीट पर उपचुनाव होना है। 2022 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी के टिकट पर उतरे विनोद कुमार बिंद ने सपा के रोहित शुक्ल को शिकस्त दी थी।
खैर, अलीगढ़रू भाजपा के अनूप प्रधान वाल्मीकि खैर सीट से विधायक थे। अनूप ने इस लोकसभा चुनाव में हाथरस सीट से अपनी किस्मत आजमाई और सफल भी हासिल की। उनके विधायक पद से इस्तीफे की वजह से खैर में उपचुनाव होना है। गत विधानसभा चुनाव में भाजपा के अनूप प्रधान वाल्मीकि ने बसपा की उम्मीदवार चारू को हराया था।

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