केदारनाथ में आशा नौटियाल की अब तक की दूसरी सबसे बड़ी जीत
देहरादून। वर्ष 2000 में उत्तराखंड के गठन के बाद केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में हुए अब तक 6 विधानसभा चुनावों में से 5 में महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। इस बार उपचुनाव में तकरीबन 5700 मतों से बड़ी जीत हासिल करके भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल को सर्वाधिक तीन बार केदारनाथ सीट का प्रतिनिधत्व करने का गौरव प्राप्त हुआ है। इस सीट पर उनकी दूसरी सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी शैलारानी रावत ने रिकार्ड 7544 मतों से जीत हासिल की थी।
वर्ष 2002 में हुए राज्य के पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आशा नौटियाल को कांग्रेस की शैला रानी रावत के खिलाफ टिकट दिया था। इस चुनाव में नौटियाल ने शैलारानी रावत को 3,465 मतों के अंतर से हराया था। नौटियाल को 13080 मत मिले थे, जबकि रावत को 9,615 मत मिले थे। इसके बाद वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आशा नौटियाल पर भरोसा जताया था, जबकि कांग्रेस ने इस क्षेत्र से दिग्गज कुंवर सिंह नेगी को मैदान में उतारा था। नौटियाल ने इस चुनाव में नेगी को 2,979 मतों से हराकर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। आशा नौटियाल की जीत का सिलसिला 2012 के विधानसभा चुनाव में टूट गया, जब शैला रानी रावत ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की। उन्हें 19,960 वोट मिले, जबकि नौटियाल को 17,632 वोट मिले। इस चुनाव में माकपा के गंगा धर नौटियाल को 2395 वोट मिले। शैला रानी रावत कांग्रेस पार्टी के उन 11 विधायकों में से एक थीं, जिन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ विधानसभा में बगावत कर पार्टी बदल ली थी। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के वादे के मुताबिक, 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शैला रानी रावत को टिकट दिया। जैसी कि उम्मीद थी, आशा नौटियाल ने बगावत कर दी और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा। दूसरी ओर कांग्रेस ने पत्रकार से नेता बने मनोज रावत को टिकट दिया। चारों ओर से घिरे मुकाबले में मनोज रावत ने निर्दलीय कुलदीप रावत को 869 मतों से हराया। आशा नौटियाल तीसरे स्थान पर रहीं, जबकि भाजपा प्रत्याशी शैला रानी रावत चौथे स्थान पर रहीं। इस चुनाव में मनोज रावत को 13,906, कुलदीप रावत को 13,037, नौटियाल को 11,786 और शैला रानी रावत को 11,780 वोट मिले। 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले आशा नौटियाल पार्टी टिकट की उम्मीद में भाजपा में लौट आईं। हालांकि पार्टी ने फिर से शैला रानी रावत को इस सीट से मैदान में उतारा। कांग्रेस पार्टी ने मनोज रावत को मैदान में उतारा, जबकि कुलदीप रावत ने फिर से निर्दलीय चुनाव लड़ा। शैलारानी रावत ने इस सीट से 7,544 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। मनोज रावत को 12,557 वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे। अब उपचुनाव में केदारनाथ की जनता ने आशा नौटियाल को 5700 वोटों से दूसरी सबसे बड़ी जीत दिलाकर धामी सरकार की नीतियों और कामकाज पर अपनी मुहर गाई है।
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केदारनाथ सीट पर जीत का अंतर
वर्ष जीती पार्टी जीत का अंतर
2002 भाजपा 3465
2007 भाजपा 2979
2012 कांग्रेस 2328
2017 कांग्रेस 869
2022 भाजपा 7544
2024 भाजपा लगभग 5700