उत्तराखण्ड

मुख्यमंत्री धामी ने विभागाध्यक्षों को दिये 2025 तक के विकास लक्ष्यों को पूर्ण करने के निर्देश

Listen to this article

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सशक्त उत्तराखण्ड @25 के अन्तर्गत विभागों की कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि 2025 के लिए लक्ष्य के सापेक्ष जो भी कार्य किये जा रहे हैं, उनको पूर्ण करने के लिए समय सीमा का विशेष ध्यान रखा जाए। जिन क्षेत्रों में राज्य के राजस्व वृद्धि में शीघ्रता परिलक्षित है, उन क्षेत्रों को प्राथमिकता पर रखा जाए। सभी विभाग दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक कार्ययोजना के साथ कार्यों को पूरे मनोयोग के साथ धरातल पर लाएं। 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए विभागों का जो लक्ष्य निर्धारित है, उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विभागों नेअब तक धरातल पर किये गये कार्यों तथा भविष्य की कार्ययोजना पर तेजी लाने के लिए विभागों की नियमित समीक्षा की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो चुका है। सभी विभागों की जल्द ही 31 मार्च 2024 तक की कार्ययोजना, लक्ष्य एवं राजस्व वृद्धि के लिए विभागों द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं, इसकी समीक्षा की जाएगी। राज्य के पर्वतीय जनपदों की आय में वृद्धि के लिए इस क्षेत्र में लोगों की आजीविका सुधार के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि राज्य में लोगों की आजीविका बढ़ाने एवं राजस्व वृद्धि के लिए तैयार की जा रही कार्य योजना के तहत जो कार्य होने हैं, उनमें सेक्टरवार तेजी लाई जाए। इसके लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें। 2025 तक राज्य के लिए हम क्या महत्वपूर्ण उपलब्धि हांसिल कर सकते हैं, सभी विभाग इस पर विशेष ध्यान दें।

सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन, कृषि, उद्यान, उद्योग के क्षेत्र में कार्य करने के लिए अनेक संभावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में लघु समयावधि की कार्ययोजना के साथ ही 2030 तक और क्या बेहतर किया जा सकता है, इस दिशा में तेजी से कार्य किया जाए। इन क्षेत्रों से जहां राज्य में लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, राज्य की जीडीपी में भी तेजी से वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि कुमांऊ क्षेत्र में कुछ ऐसे नये पर्यटक एवं धार्मिक स्थल विकसित किये जाएं कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु, गढ़वाल के साथ कुमांऊ के नैसर्गिक सौन्दर्य का आनन्द भी ले सकें। पर्यटन की दृष्टि से विभिन्न सर्किटों के माध्यम से पूरे उत्तराखण्ड को जोड़ने के भी उन्होंने निर्देश दिये। एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में भी प्रदेश में अनेक संभावनाएं हैं, उत्तराखण्ड में साहसिक पर्यटन के नये स्थलों को विकसित करने की दिशा में भी तेजी से कार्य किये जाएं। जिन पर्यटक स्थलों पर साहसिक गतिविधियां हो रही हैं, उनको और विकसित करने की दिशा में भी ध्यान दिया जाए।

बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगौली, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विजय कुमार यादव सहित अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button