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मुख्यमंत्री धामी ने की प्रधानमंत्री मोदी से भेंट, चारधाम यात्रा, जोशीमठ सहित विभिन्न विषयों पर की चर्चा

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार द्वारा राज्य के विकास हेतु जमरानी बांध परियोजना की स्वीकृति सहित विभिन्न बाह्य साहयतित परियोजनाओं एवं पूंजीगत परियोजनाओं हेतु विशेष सहायता योजनाओं के लिए व्यापक सहयोग प्रदान करने पर प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड को G 20 की तीन महत्वपूर्ण बैठकों का दायित्व दिए जाने पर धन्यवाद देते हुए कहा कि रामनगर में मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के वर्किंग ग्रुप की बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की गई। साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रधानमन्त्री को चारधाम यात्रा, आदि कैलाश और लोहाघाट स्थित मायावती आश्रम के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री के साथ लगभग एक घंटे तक चली बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की और प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री को मुनस्यारी की शॉल, उत्तराखंड में G 20 के सफल आयोजन की कॉफी टेबल बुक, एक साल नई मिसाल की कॉफी टेबल बुक, मिलेट एवं जागेश्वर धाम की प्रतिकृति भेंट की।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को चमोली के जोशीमठ क्षेत्र में भूधंसाव से प्रभावितों को राहत और विस्थापन कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि भूस्खलन एवं भू-धसाव हेतु आर्थिक पैकेज रू० 2942.99 करोड़ की आवश्यकता है। उक्त पैकेज में प्रभावितों को अस्थाई राहत व आवास व्यवस्था हेतु 150 प्री फॅब्रिकेटेड घरों का निर्माण, साइट डेवलपमेंट कार्य, प्रभावित भत्ता प्रमुख है। आवासीय एवं व्यवसायिक अवसंरचनाओं के मुआवजे, असुरक्षित जोन में आने वाले परिवारों की जमीनों के मुआवजे, प्रभावित व्यक्तियों के स्थायी पुनर्वास एवं भूमि के अधिग्रहण व विकास और प्रभावित विभागीय अवसंरचनाओं की मरम्मत व पुनर्स्थापना का कार्य सम्मिलित है। जोशीमठ के स्थरीकरण तथा पुनर्विकास का कार्य भी किया जाना है।

राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड लैंडस्लाइड मिटिगेशन एण्ड मैनेजमेंट सेंटर स्थापित किया गया है, जो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर भूमि धसाव सुधार एवं प्रबंधन पर सलाह देगा। सेंटर ने जोशीमठ में कार्य करना आरम्भ कर दिया है, इसके द्वारा प्रभावित भू धसाव, आपदा प्रभावित जोखिम क्षेत्र का रोडमैप तैयार कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड की बैठक में संस्तुति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना की वित्तीय स्वीकृति आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी से भी कराए जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार से वाराणसी के लिए वन्दे भारत रेल सेवा शुरू किए जाने का भी आग्रह करते हुए कहा कि इससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी।

प्रदेश द्वारा स्टेट मिलेट मिशन का वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक संचालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन, दलहन व तिलहन के अन्तर्गत गहत व काला भट्ट फसल के सत्य बीज के प्रयोग की अनुमति प्रदान करने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में नाबार्ड द्वारा 18 हजार पॉलीहाउस की स्थापना हेतु रू0 280 करोड़ की स्वीकृति दी गयी है, इससे लगभग 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। राज्य में सेब उत्पादन को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने हेतु एप्पल मिशन के अन्तर्गत रू0 35 करोड़ की योजना स्वीकृत की गयी है। उच्च मूल्य वाली फसलों जैसे- कीवी ड्रैगन फ्रूट, स्ट्राबेरी आदि को राज्य सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है।

ऋषिकेश एम्स का 280 शैय्याओं युक्त सैटेलॉइट सेन्टर, ऊधम सिंह नगर (कुमांऊ मण्डल) हेतु स्वीकृत है। सी०पी०डब्ल्यूडी कार्यदायी संस्था है। कार्य में त्वरित गति अपेक्षित है।

मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ के नैनी सैनी हवाई अड्डे में हवाई सेवाओं के संचालन करने तथा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के दृष्टिगत हवाई अड्डे को भारतीय वायुसेना ( रक्षा मंत्रालय) को हस्तांतरित किए जानें के लिए संबंधित को निर्देशित किए जाने के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने राज्य में पीएमजीएसवाई -1 & ॥ के समस्त अवशेष 473 कार्यों को पूर्ण करने हेतु मार्च, 2024 तक की अनुमति प्रदान करने पर विचार किए जाने का निवेदन किया। पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत राज्य में 150 से 249 की जनसंख्या वाली 407 बसावटें अवशेष हैं, जिसमें 3200 किमी0 लम्बी सड़कों का निर्माण प्रस्तावित है, तथा अनुमानित लागत रू० 2900 करोड़ है। इन बसावटों की स्वीकृति हेतु अनुमति प्रदान किया जाना निवेदित है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को USD 5 Trillion बनाये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने हेतु “सशक्त उत्तराखण्ड” मिशन लॉच किया है जिसके अन्तर्गत अगले 5 वर्षो में (2022-2027) GSDP रू० 2.75 लाख करोड़ से दोगुना कर रू0 5.5 लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में McKinsey Global Firm द्वारा इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु पर्यटन, कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य एवं शिक्षा तथा सर्विस सेक्टर में निजी निवेश को आकर्षित करने की फोकस एप्रोच के साथ आधारभूत संरचनाओं के विकास का सामन्जस्य बिठाते हुए रणनीति तैयार की जा रही है।

केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम के पुनर्विकास कार्यों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि चारधाम धार्मिक पर्यटन की भांति कुमाऊं क्षेत्र में स्कन्द पुराण में उल्लेखित मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अन्तर्गत सर्किट के रूप में 48 मंदिरों तथा गुरूद्वारों को चिन्हित किया गया है। जिसमें प्रथम चरण में 16 मंदिरों का सर्किट बनाने हुये अवस्थापना विकास किया जाना प्रस्तावित है।

राज्य में युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना बनायी जा रही है, जिसके अन्तर्गत ग्लोबल प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से युवाओं को विदेशों में विशेषकर जापान, जर्मनी, यू०के० अमेरिका, सिंगापुर आस्ट्रेलिया तथा कनाडा में मुख्य रूप से एल्डर केयर, नर्सिंग, आतिथ्य सत्कार, आयुष ( योग, ध्यान तथा आयुर्वेद) से संबंधित सेक्टर में आकर्षक पैकेज दिलाया जायेगा।

औद्योगिकी एवं रोजगार को बढ़ावा दिये जाने हेतु नई मैगा एवं इण्डस्ट्रियल पॉलिसी, प्राइवेट इण्डस्ट्रियल पार्क पॉलिसी एवं कस्टमाइज पैकेज प्रख्यापित की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अक्टूबर-नवम्बर में इन्वेस्टमेंट समिट प्रस्तावित है।

राज्य में नीति आयोग, भारत सरकार की तर्ज पर सेतु “State Institute for Empowering and Transforming Uttarakhand-SETU” बनाया जा रहा है। पी०एम० गति शक्ति पोर्टल की तर्ज पर राज्य का पी०एम० गतिशक्ति पोर्टल भी विकसित किया गया है। स्टार्ट अप नई पॉलिसी जिसमें अन्य सभी लाभ सहित लगभग रू0 200 करोड़ का वेंचर फंड स्थापित किया गया है। माननीय प्रधानमंत्री जी की 13 फ्लैगशिप योजनाओं के अन्तर्गत किसान सम्मान निधि, स्वामित्व योजना, सॉइल हेल्थ कार्ड में शत-प्रतिशत प्रगति एवं प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में 94 प्रतिशत की प्रगति प्राप्त कर ली गयी है राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार के सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के विजन के दृष्टिगत सोलर पावर पॉलिसी लाई गयी है। वर्ष 2027 तक 2500 मेगावाट सोलर ऊर्जा क्षमता को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

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