प्रदेश में Eco Tourism को बढ़ावा देने हेतु मुख्य सचिव संधु ने ली बैठक
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में प्रदेश में Eco Tourism को बढ़ावा देने के लिए जनपद नैनीताल, पौड़ी, अल्मोड़ा, टिहरी और चमोली के जिलाधिकारियों और डीएफओ के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश का अधिकतर भाग वन क्षेत्र होने के कारण यहां ईको टूरिज्म की अत्यधिक संभावनाएं हैं। ईको टूरिज्म में अधिक से अधिक रोजगार सृजन की संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि वन विभाग को इसके लिए महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। फॉरेस्ट अधिकारियों को नियामक मानसिकता से बाहर निकल कर बिना पर्यावरण और वन को नुकसान पहुंचाए प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी निभानी होगी। सभी जनपदों को इस दिशा में कार्य करना है, जो भी जनपद अच्छा कार्य करेंगे उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म साइट्स को विकसित करने के लिए प्राकृतिक सामग्रियों का अधिक से अधिक प्रयोग कर कंक्रीट स्ट्रक्चर्स से परहेज किया जाए। ईको टूरिज्म साइट्स को जानकारी के लिए सभी होटल और रिजॉर्ट्स में पैंपलेट्स आदि रखने के निर्देश दिए ताकि पर्यटकों को अपने आसपास स्थित ऐसे स्थानों की जानकारी मिल सके, गूगल मैप में भी आसपास के पुराने पर्यटन स्थलों के साथ नए स्थल भी पर्यटकों को मिल सकें।
मुख्य सचिव ने प्रमुख वन संरक्षक को सभी डीएफओ को वन क्षेत्र में स्वीकार्य और अस्वीकार्य गतिविधियों की जानकारी उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी प्रकार के पर्यटन स्थलों में पर्यटकों से फीडबैक लिए जाने हेतु सिस्टम विकसित किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि पर्यटकों से कमियों की जानकारी और सुझाव लेकर उन्हें दूर किए जाने की दिशा में कार्य किए जाने की आवश्यकताएं हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की 80-90 प्रतिशत साइट्स में रॉक क्लाइंबिंग की संभावनाएं हैं, इन्हें विकसित करते हुए सभी ऐसी साइट्स पर एक्सपर्ट भी अवश्य लगाया जाए। उन्होंने सभी गतिविधियों में स्थानीय लोगों को शामिल करते हुए उस कार्य में लगे लोगों के सुझाव लेकर योजना को सफल बनाए जाने की दिशा में काम किया जाए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु एवं प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) विनोद सिंघल सहित जनपदों से जिलाधिकारी और डीएफओ उपस्थित रहे।