उत्तराखण्ड

जयकारों के साथ दुध्याडी देवी कुंभ मेले का शुभारंभ, जानें इस मेले की मान्यता…

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विकासखंड भिलंगना के गोनगढ़ पट्टी की आराध्य दुध्याड़ी देवी की 12 वर्षों बाद अपने भक्तों को दर्शन के लिए आज ब्रह्ममुहुर्त में विधिवत् पूजा अर्चना शंखध्वनि के साथ ज्योति दर्शन दिए।

मां दुध्याड़ी देवी का प्राचीन मंदिर टिहरी जनपद के भिलंगना विकास खंड स्थित गोनगढ़ पट्टी के पौनाड़ा गांव के समीप है, जबकि मंदिर के नजदीक ही एक पौराणिक शक्ति गुफा है जहां मां 12 वर्षों तक विराजमान रहती है। मां दुध्याड़ी के 9 दिवसीय महाकुंभ महाकुंभ मेले का शुभारंभ आज क्षेत्रीय विधायक शक्ति लाल शाह, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण व ब्लॉक प्रमुख बसुमती घणाता ने किया।

वहीं आपको बता दें आज कलश शोभा यात्रा के बाद मुख्यातिथियों द्वारा मेले का शुभारंभ किया गया जबकि आज से माता का सात गांव भ्रमण कार्यक्रम भी शुरू हो गया है जबकि 15 दिसंबर को मेला समापन के बाद माता बालगंगा तहसील के विभिन्न गांवों में क्षेत्रीय भ्रमण करेगी जिसके बाद मंदिर प्रांगण में अंखंड देवी भागवत का आयोजन किया जाएगा और तत उपरांत पुनः माता 12 वर्षों के लिए अपनी पौराणिक शक्ति गुफा में विराजमान हो जाएगी।

मंदिर समिति के अध्यक्ष पूरब सिंह पंवार ने बताया कि 12 वर्षों के बाद माता दुध्याड़ी देवी क्षेत्र को आशीर्वाद देने बाहर आ रही है और दूर दराज से आए लोगों को अपने दर्शनों के साथ क्षेत्र की खुशहाली की कामना करते हैं।वहीं मेले में पहुंची जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण ने कहा कि यहां पर क्षेत्र वासियों द्वारा भव्या मेले का जो आयोजन किया जा रहा है ये काबिले तारीफ है और लोग संस्कृति को बचाने का काम कर रहे हैं जबकि इस क्षेत्र में पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं जिसे आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा।

वहीं घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह ने दुध्याड़ी देवी मंदिर में एक कक्ष और एक सुलभ शौचालय बनाने की घोषणा की गई। ऋषि मुनियों की तपस्थली देव भूमि उत्तराखंड के सिद्धपीठों में से एक शक्ति पीठ अखिल ब्रह्माण्ड नायिका मां भगवती दुध्याड़ी देवी के 12 वर्ष पूर्ण होने पर और मां 12 वर्षों बाद बाहर आने पर 9 दिवसीय विशाल मेला और डोली यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। केदार पुराण के अनुसार गोलक्ष पर्वत, अप्सरा गिरी पर्वत और भृगु पर्वत व मेनका पर्वत के मध्य से आने वाली नदी गोनगढ़ गाड को पुराणों में दूध की नदी से जाना जाता था।

इस नदी के उद्गम स्थल गोलक्ष पर्वत है जिसे आप अपभ्रंश में गोजू भी कहते हैं, गोजू गोनगढ़ गाड का उद्गम स्थल है। इस स्थान का नाम दूध खम्बा प्रचलित है, जहां नदी का जल दूध के समान श्वेत लगता है। इसी नदी के किनारे अवस्थित पौनाड़ा गांव में माता दुध्याड़ी देवी का भव्य मंदिर स्थित है जहां पर प्रत्येक 12 वर्षों बाद मां दुध्याड़ी देवी का भव्य और दिव्य मेला आयोजित किया जाता है।

कार्यक्रम में मेला संरक्षक भरत सिंह नेगी, रघुवीर सजवाण, नीलम बिष्ट,सुरवीर लाल, आनंद बिष्ट, रामकुमार कठैत, प्यार सिंह बिष्ट, प्रशांत जोशी, पूरब सिंह नेगी,दिनेश भजनियाल,कमल सिह पंवार, प्रमोद बिष्ट , सूरज बिष्ट, उप जिला अधिकारी घनसाली केएन गोस्वामी, थाना अध्यक्ष घनसाली सुखपाल मान, तहसीलदार घनसाली लक्ष्मण सिंह नेगी आदि मौजूद रहे।

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