उत्तराखण्ड

उत्तराखंड: यहां कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, घर छोड़ने को मजबूर हो रहे लोग

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जोशीमठ: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बारिश आफत बनी है। खबर जोशीमठ नगर से है जहां इन दिनों कई लोग अपने घरों को छोड़कर किराये के मकानों में रहने जाने लगे हैं। यही नहीं, कुछ लोगों के लिए सुरक्षित ठिकानों की व्यवस्था करने की बात खुद प्रशासन कर रहा है।

दरअसल, जोशीमठ नगर क्षेत्र में आशंका है कि यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है। बीते साल 18, 19 अक्टूबर को हुई भारी बारिश से खासी मुश्किलें पैदा हो रही हैं। मूसलाधार बारिश से जोशीमठ नगर क्षेत्र के तमाम बड़े बड़े भवनों में दरारें पड़ गई हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि लोगों का घरों में रहना मुश्किल हो गया है और कई लोग अपने घर छोड़कर किराये पर रहने चले गए हैं।

जोशीमठ नगर के गांधी नगर वार्ड में लगभग 60 से अधिक परिवारों पर भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। भूस्खलन इतना ज्यादा खतरनाक हो गया है कि गांव के कुछ परिवारों ने अपनी छतों को भूस्खलन की चपेट में आने से रोकने के लिए बल्लियों का सहारा लिया है। घरों को बचाने के लिए बल्लियां लगाई गई हैं। कई मकानों की दीवारों पर बड़ी और मोटी दरारें साफ दिखाई दे रही हैं।

इस मामले को प्रशासन का कहना है कि वह भूस्खलन की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। यही नहीं, तहसील प्रशासन ऐसी किसी परिस्थिति के लिए अलर्ट मोड पर है। जोशीमठ नगर पालिका के प्रभारी अधिशासी अधिकारी प्रदीप सिंह नेगी ने कहा कि जोशीमठ नगर क्षेत्र के सभी वार्डों का भूगर्भीय सर्वेक्षण कराया गया है, जिसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी गई है। नेगी ने बताया कि जिन लोगों पर ज्यादा खतरा मंडरा रहा है, उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा। नेगी के मुताबिक सेमा, मारवाड़ी, रविग्राम, गांधीनगर, सुनील, सिंहधार, मनोहर बाग , नृसिंह मंदिर वार्ड में भूगर्भीय सर्वेक्षण किया गया है।

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