मुख्यमंत्री धामी की बढ़ती लोकप्रियता से बौखलाया विपक्ष
लंदन दौरे में साढ़े 12 हजार का निवेश खींच लाए तो उड़ गई विरोधियों की नींद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ताबड़तोड़ फैसलों के बाद अब विदेशी निवेश के समझौतों ने विपक्षी पार्टियों की नींद उड़ा दी है। पहले देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून, भर्ती घोटालों में लिप्त माफिया के खिलाफ की गई कार्रवाई से सीएम धामी पूरे देश में चर्चा में रहे। अब यूके दौरे में धामी साढ़े 12 हजार करोड़ का निवेश खींच लाए तो विपक्षियों को यह रास नहीं आया।
मुद्दाविहीन विपक्ष मुख्यमंत्री के लंदन दौरे को यह कहकर मुद्दा बना रही है कि देश के उद्यमियों से विदेश की धरती पर करार किया गया। अब सवाल उठता है कि क्या देश के उद्यमियों से दूसरे देशों में जाकर बात नहीं हो सकती या विदेशी उद्यमियों से अपने देश मे कोई करार या समझौता नहीं हो सकता !
उत्तराखण्ड में भाजपा की लहर के सामने अपना जनाधार बचाने में जुटी विपक्षी पार्टियां नकारात्मक बयानबाजी कर जनता को विश्वास जीतना चाहती है, लेकिन उसके मंसूबे कतई कामयाब होने वाले नहीं है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धड़ाधड़ जनकल्याणकारी फैसले लेकर अपने विरोधियों को कड़ी पटखनी दी है। पार्टी अनर्गल बयानबाजी कर अपना राजनीतिक हित साधना चाहती है, लेकिन उसे हर मोर्चे पर मुंह की खानी पड़ी है। वैश्विक इनवेस्टर समिट में विदेशी निवेशकों को आमंत्रित करने ब्रिटेन दौरे पर गए मुख्यमंत्री धामी वहां से भारी निवेश खींच लाए। सीएम धामी की इस कामयाबी को जनता ने हाथोंहाथ लिया तो विपक्षी बौखला गए। यही नहीं अपनी तेजतर्रार कार्यशैली और त्वरित फैसलों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहे। इंडियन एक्सप्रेस ने इसी वर्ष अपने एक सर्वे में उन्हें देश के 100 सबसे ताकतवर भारतीयों में शामिल किया है। सूची में उनका 93वां स्थान था।